*नीमच नगर में श्वान नसबंदी अभियान में उजागर हुआ भ्रष्टाचार — निगरानी समिति की सतर्कता से हुआ बड़ा खुलासा*
*जन जागृति संगम न्यूज*
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नीमच : नगर में आवारा श्वानों की अनियंत्रित संख्या में वृद्धि के कारण शहरवासियों को निरंतर संकट का सामना करना पड़ रहा है, विशेषतः बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को श्वानों द्वारा काटे जाने की बढ़ती घटनाओं ने जनस्वास्थ्य और नागरिक सुरक्षा को एक गंभीर चुनौती बना दिया है।
इन घटनाओं को नियंत्रित करने तथा नागरिकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद, नीमच द्वारा श्वान नसबंदी अभियान प्रारंभ किया गया था।
इसी क्रम में ग्राम भोलियावास पर एक स्थायी नसबंदी केंद्र की स्थापना की गई, जहां नसबंदी का कार्य 'द केयर ऑफ एनिमल्स एंड सोसाइटी' नामक एन.जी.ओ. को सौंपा गया।
उक्त एन.जी.ओ. द्वारा वर्ष 2022-23 में 5219 श्वानों की नसबंदी का दावा किया गया था। इस अभियान की पारदर्शिता पर पूर्व से ही कई शंकाएं जताई जा रही थीं। इसके बावजूद फरवरी 2025 में नगर पालिका द्वारा पुनः इसी संस्था को नसबंदी कार्य के लिए नियुक्त किया गया। अभियान के पुनः प्रारंभ होते ही निगरानी समिति द्वारा इस पर विशेष निगरानी रखी गई।
नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती स्वाति गौरव चौपड़ा द्वारा पूर्व की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए एक 15 सदस्यीय सशक्त मॉनिटरिंग समिति गठित की गई, जिसमें नेता प्रतिपक्ष, पशु-प्रेमी, समाजसेवी एवं विधि विशेषज्ञों को सम्मिलित किया गया। समिति की पहल पर नसबंदी केंद्र के विभिन्न हिस्सों — जैसे ऑपरेशन थिएटर, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर यूनिट आदि — में CCTV कैमरे स्थापित किए गए, जिससे प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
दिनांक 28 फरवरी 2025 को निगरानी समिति के सदस्य इंजी नवीन कुमार अग्रवाल (आम आदमी पार्टी), अधिवक्ता श्री प्रवीण मित्तल और श्री पार्थ जोशी (गौ सेवा दल) द्वारा सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से संकलित साक्ष्यों के साथ जिलाधीश महोदय, नीमच को विस्तृत शिकायत प्रस्तुत की गई, जिसमें नसबंदी कार्य के दौरान गंभीर भ्रष्टाचार, जानवरों के साथ अनुचित व्यवहार, एवं फर्जी रिपोर्टिंग की बात उजागर की गई।
जिलाधीश महोदय द्वारा शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक विशेष जांच समिति गठित की गई, जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया गया। जांच के बाद यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ कि 'द केयर ऑफ एनिमल्स एंड सोसाइटी' द्वारा नसबंदी कार्य में भारी अनियमितताएं व भ्रष्टाचार किया जा रहा था।
जैसे ही एन.जी.ओ. को यह ज्ञात हुआ कि उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं और शिकायत दर्ज की गई है, उन्होंने नसबंदी कार्य को समय-पूर्व बंद कर दिया और निगरानी प्रणाली पर आपत्ति जताकर कार्यस्थल से हटने का प्रयास किया — जो कि स्वयं ही उनकी दोषसिद्धि का संकेत है।
शिकायतकर्ताओं ने वर्ष 2022-23 के दौरान किये गए 5219 श्वानों की नसबंदी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है — यह कहते हुए कि नीमच शहर की वास्तविक श्वान आबादी से अधिक संख्या में नसबंदी कैसे की गई? यह आंकड़ा भी संदेहास्पद है और इसकी स्वतंत्र ऑडिट जांच की मांग की गई है। साथ ही मांग की है की अब जब की एनजीओ का भ्रस्टाचार प्रमाणित हो गया है तो इसे ब्लैक लिस्टेड कर नया टेंडर कॉल कर डिफेंस की राशि इसके भुगतान से काट कर पूर्ण टेंडर अनुसार कार्य होने पर ही भुगतान किया जाना चाहिए।
इंजी नवीन कुमार अग्रवाल, प्रवीण मित्तल एवं पार्थ जोशी ने इस सफलता के लिए नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती स्वाति गौरव चौपड़ा , कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ,डिप्टी कलेक्टर चन्द्रसिंह धार्वे , पशु चिकत्सक डॉ आशाराम धाकड़ का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनकी पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली के कारण ही यह भ्रष्टाचार उजागर हो सका। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन सजग हो और नागरिक सक्रिय हों, तो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
इंजी नवीन कुमार अग्रवाल
निगरानी समिति
नीमच
9826170178
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