*_मतदाता सूची पर नजर रखने के लिए 65 हजार अभिकर्ता नियुक्त करेगी कांग्रेस_*
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https://kutumb.app/jan-jagriti-sangam?slug=d1489c832ddd&ref=S97G6&screen=id_card_sectionभोपाल (राज्य ब्यूरो)। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम मध्य प्रदेश में चार नवंबर से प्रारंभ हो जाएगा। इसमें मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया की जाएगी। इस काम पर नजर रखने के लिए प्रदेश कांग्रेस 65 हजार अभिकर्ता (एजेंट) नियुक्त करने जा रही है।
ये मतदाता सूची में पात्रों के नाम सूची में जोड़ने के लिए आवेदन पत्र बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) को देंगे। वहीं, अपात्रों के नाम पर आपत्ति भी उठाएंगे। दीपावली के बाद सभी जिलों में मतदान केंद्र अभिकर्ता नियुक्त कर जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचना दी जाएगी। साथ ही इनके परिचय पत्र भी बनाए जाएंगे ताकि कार्य संपादन में इन्हें कोई परेशानी न हो।
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के समय भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में मतदाता सूची की गड़बड़ी की बात सामने आई थी। पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए थे और बहुत से मतदाताओं के केंद्र परिवर्तन सूचना दिए बना ही कर दिए थे।
इसके कारण पात्र मतदाताओं को मताधिकार से वंचित होने पड़ा। दोनों दलों की आपत्ति के बाद आयोग ने मतदाता सूची के सत्यापन और घर-घर मतदाता पर्ची का वितरण सुनिश्चित कराया था। विधानसभा चुनाव में इस तरह की स्थिति निर्मित न हो, इसलिए भाजपा और कांग्रेस के नेता सतर्क हैं। प्रदेश कांग्रेस के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए मतदाता सूची को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
पार्टी ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर अभिकर्ता नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इनका काम मतदान केंद्र क्षेत्र में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में चुनाव आयोग का सहयोग करना और पात्र मतदाताओं के नाम सूची में शामिल कराने आवेदन करवाने का होगा। इसके साथ ही मतदान सूची में किसी अपात्र व्यक्ति का नाम शामिल है तो उसे हटाने के लिए लिखित में आपत्ति भी करेंगे। नियमानुसार अभिकर्ता एक दिन में दस आवेदन बूथ लेवल आफिसर को दे सकते हैं।
सभी मान्यता प्राप्त दलों से अभिकर्ता नियुक्त करने का आग्रह
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के लिए मतदान केंद्र स्तर पर अभिकर्ता नियुक्त करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में इसकी प्रक्रिया बताई जा चुकी है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य नौ नवंबर से प्रारंभ होगा। एक माह तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के आवेदन लिए जाएंगे। पांच जनवरी 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
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