*मध्य प्रदेश में हो सकते हैं- 60 जिले, चुनाव वर्ष में मिलेगी जिलों की सौगात*
*जन जागृति संगम न्यूज़*
*जगदीश राठौर* *9425490641*
जावरा/मध्य प्रदेश में जब भी विधानसभा चुनाव आते हैं नए जिले की मांग इसलिए होती है ताकि जिला मुख्यालय से दूर दराज के लाखों नागरिकों व ग्रामीणों को जहां जिला मुख्यालय से दूरी व अनावश्यक अर्थ व्यय से राहत मिलती है तो छोटे जिले बनने से शासकीय कार्य व कोर्ट कचहरी के मामलों के निष्पादन में शीघ्रता तथा रोजगार में अभिवृद्धि होती है ।
इसी दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब 6 माह पूर्व ही राजस्थान में 19 जिलों का नव सृजन कर लाखों लोगों को खुश कर दिया । मध्य प्रदेश में कई वर्षों से करीब 16 जिलों की आवश्यकता सामने आई तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किस्त के रूप में जिले बनाने की घोषणा की। सर्व विदित है कि विधानसभा चुनाव जीतने में जिलों के गठन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । दिनांक 03 मार्च 2023 तक मध्य प्रदेश में 52 जिले थे । मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील जावरा कई वर्षों से तहसील से जिले के प्रमोशन की प्रतीक्षा में हैं । सन 1998 से (25 वर्ष पूर्व) जावरा पिपलोदा, ताल व आलोट तथा उज्जैन जिला मुख्यालय से दूरी एवं जावरा से निकटता की वजह से खाचरोद को तहसील को मिलाकर जावरा जिला बनाने की मांग की गई । मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल 43 जिले थे। सन 2003, सन 2008, सन 2013 और सन 2018 के विधानसभा के चुनाव के दौरान प्रत्येक मर्तबा जिले की अभिवृद्धि होती रही इस साल दिनांक 04 मार्च 2023 को रीवा जिले का विभाजन कर मऊगंज जिला घोषित किया गया दिनांक 20 जुलाई 2023 को उज्जैन जिले में करीब 45 साल पुरानी तहसील खाचरोद को जिला घोषित नहीं करते हुए सिर्फ 13 वर्ष अल्प आयु की तहसील नागदा को जिला घोषित किया गया जो महिदपुर व झारड़ा तहसील को नियम अनुसार शामिल नहीं करने तथा रतलाम जिले की आलोट व ताल तहसील को नियम अनुसार व मुख्यमंत्री की घोषणा के विपरीत जबरन प्रस्तावित नागदा जिले में शामिल करने पर प्रस्तावित नागदा जिला विवाद की स्थिति में आ गया है । सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार नागदा जिले की घोषणा के पश्चात शासन द्वारा जारी (गजट) अधिसूचना में करीब नागदा जिले के गठन को लेकर प्रमुख सचिव (राजस्व) मध्य प्रदेश शासन भोपाल में करीब 2000 से अधिक आपत्तियां जन चेतना मंच जावरा के अलावा विधायक, जनपद पंचायत, नगर पालिका नगर परिषद , विभिन्न पंचायत, एवं विभिन्न स्तर पर दर्ज की गई है। सन 2003 में जावरा तहसील से छोटे अनूपपुर, बुरहानपुर व अशोक नगर जिले घोषित किए गए। सन 2008 में फिर चुनाव आए तो झाबुआ से अलग करके अलीराजपुर तथा एक अन्य जिले का विभाजन कर सिंगरौली जिला बनाया गया। सन 2013 में मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दिनांक 13 अगस्त 2013 को शाजापुर जिले का विभाजन कर आगर मालवा जिला घोषित किया गया ।सन 2018 में विधानसभा चुनाव के ठीक एक माह पूर्व टीकमगढ़ जिले का विभाजन कर नया जिला निवाड़ी का प्रकटीकरण हुआ । कुल मिलाकर चार मर्तबा हुए विधानसभा चुनाव निष्पादन के बाद 20 वर्षों में भी जावरा को जिला बनाने की सुध वल्लभ भवन ने नहीं ली । अभी मेहर और चाचौड़ा जिले के नवसृजन की बात सामने आ रही है तो धार जिले में कुक्षी तहसील और मंदसौर जिले में गरोठ तहसील भी जिले की घोषणा के लिए लाइन में खड़ा है । आश्चर्य की बात यह है कि मध्य प्रदेश से कई वर्षों से जावरा, नीमच और बुरहानपुर तहसील में भारतीय प्रशासनिक सेवा(आए.ए.एस.) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का प्रशिक्षण केंद्र रहा है । नीमच व बुरहानपुर का प्रमोशन होकर वह जिले बन गए और जावरा में रह चुके और शानदार ट्रेनिंग कर चुके अफसर मुख्य सचिव पद पर पदोन्नति पाकर सेवा निवृत्ति ले चुके हैं इसी प्रकार आईपीएस अफसर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तथा देश की राजधानी नई दिल्ली में शीर्षस्थ पद पर प्रमोशन लेकर प्रदेश व देश की सेवा कर रहे हैं तथा अनेक अफसर रिटायरमेंट ले चुके हैं। लेकिन प्रमोशन सिर्फ और सिर्फ जावरा तहसील का नहीं हुआ जावरा के विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय जावरा को जिला बनाने के लिए कई वर्षों से वैधानिक व राजनीतिक प्रयास कर रहे हैं मुख्यमंत्री को करीब 09 मर्तबा ज्ञापन दिए गए विधानसभा में प्रश्नोत्तर भी हुए । अब आलोट के विधायक मनोज चावला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नागदा को जिला घोषित करने के बाद उज्जैन कलेक्टर को आलोट एवं ताल तहसील को नागरिकों से परामर्श किए बिना नागदा जिले में शामिल करने की सहमति देने के उपरांत अपनी गंभीर त्रुटि को सुधार कर नागरिकों की भावना के अनुरूप आलोट व ताल में नागरिकों के साथ हो गए हैं । जावरा को जिला बनाने के लिए सर्वप्रथम पूर्व सांसद (अब स्वर्गीय) डॉ लक्ष्मी नारायण जी पांडेय व पूर्व कृषि मंत्री (अब स्वर्गीय) महेंद्र सिंह जी कालूखेड़ा, सर्वोच्च न्यायालय के ख्याति नाम एडवोकेट व राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा, पूर्व गृहमंत्री भारत सिंह,दिल्ली के समाजसेवी डॉ हरीश भल्ला व स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी, अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवीलाल राठौर व राष्ट्रीय पदाधिकारी,भाजपा कार्य समिति के सदस्य के के सिंह कालूखेड़ा, व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी सदस्य युसूफ कडपा, अखिल भारतीय राजपूत क्षत्रिय महासभा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ एच. एस. राठौर व रतलाम जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सोलंकी, रतलाम जिला पंचायत सदस्य राजेश भरावा एवं डीपी धाकड़ तथा असंख्य राजनेता व जनप्रतिनिधि व्यापारी संगठन, समाज संगठन, अभिभाषक संगठन, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भरपूर सहयोग मिला है। *उम्मीद है कि जन-जन की आवाज जन चेतना मंच जावरा का आह्वान जावरा जिले की घोषणा अब तो सरकार कर देंगी।***
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