*पाठक परिवार की लाडली बिटिया द्वारा रतलाम में देवी अहिल्याबाई का नाट्य मंचन किया गया*
जन जागृति संगम न्यूज
रतलाम : पाठक परिवार नागपुर की लाडली बिटिया पूजा पाठक संगठन मंत्री द्वारा रतलाम में देवी अहिल्याबाई का नाट्य मंचन कार्यक्रम किया गया।
इस कार्यक्रम मे नागपुर के 40 कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई।
पूजा की माँ संध्या पाठक ने भी कार्यक्रम में भागीदारी कर बेटी को आशीर्वाद दिया
और देवी अहिल्या के 300 वे जन्म जयंती
वर्ष पर नारी शक्ति करण की आलोक स्तंभ देवी अहिल्याबाई होलकर के प्रति सम्मान स्वरूप समारोह में कहा की...
लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन धार्मिकता त्याग कारण प्रतीक रहा है वह एक कुशल शासिका आदर्श नारी और माता थी
जिनकी कर्तव्य परायणता सुशासन दानशीलता जैसे गुण हमें सदा मार्ग सीखाते हैं उनसे असीम ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है
आज भी उन्हें हम अत्यंत श्रद्धा से याद करते हैं। 🙏
💌🔹🔸💌🔹🔸💌🔹🔸💌
ऐसे और अधिक पोस्ट देंखे *जन जागृति संगम ऐप* पर 👇
जीवनी
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले के जामखेड में हुआ था. वे मालवा साम्राज्य की रानी थीं. उन्हें भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में से एक माना जाता है.
अहिल्याबाई होलकर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें:
अहिल्याबाई का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था.
उनके पिता का नाम मान्कोजी शिंदे था.
वे भगवान शिव की भक्त थीं और हर दिन शिव मंदिर में पूजा करती थीं.
उन्होंने अपने राज्य में धर्म का संदेश फैलाने और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने का काम किया.
उन्होंने कई धर्मशालाएं बनवाईं.
उन्होंने सोमनाथ में शिवजी का मंदिर बनवाया.
उन्होंने देश के कई तीर्थ स्थलों का विकास किया.
उन्होंने नदियों के किनारे पक्के घाट बनवाए.
उन्होंने अपने राज्य में कर की दर कम रखी.
वे दीन-दुखी, गरीबों के लिए समर्पित थीं.
उन्होंने अपने राज्य को भगवान शिव को समर्पित कर दिया था.
उनका निधन 13 अगस्त, 1795 को महेश्वर में हुआ था.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें