*दुकानों पर खप रही घरेलू एलपीजी सिलेंडर की गैस* *जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अफसर बने लापरवाह* *अधिकारियों की मिली भगत से घरेलू एलपीजी सिलेंडर का उपयोग दुकानों पर हो रहा है*
जन जागृति संगम
मनासा के बाजारों में खुले आम घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। दुकानदारों में संबंधित विभाग की कार्रवाई का डर नहीं है। यहां सरकारी नियमों की खुलेआम अवहेलना हो रही है। अफसर भी बेपरवाह बने हुए हैं। 85 प्रतिशत प्रतिष्ठानों पर कॉमर्शियल के बजाय घरेलू गैस सिलेंडर अवैध रूप से प्रयोग में लिए जा रहे हैं। दुकानदार जिस तरह खुलेआम घरेलू सिलेंडरों को भट्टियों में लगा रहे हैं, उससे यही लगता है कि यह मिलीभगत का खेल है। यह सारी लापरवाही केवल 27 रुपए प्रति किलो गैस की राशि बचाने के लिए हो रही है।
नियमानुसार किसी भी दुकान पर घरेलू गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल नहीं हो सकता। लेकिन शहर में कई दुकानों और ठेलों पर घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग हो रहा है। दुकानों पर कॉमर्शियल सिलेंडर केवल दिखाने के लिए रख रखे हैं।
नीमच जिले की कुछ दुकानों पर तो खुलेआम घरेलू सिलेंडर देखे जा सकते हैं तो कुछ कपड़े की आड़ में छिपाकर घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। शहर के नामी प्रतिष्ठानों के संचालक भी नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। इन दुकानों पर बड़ी संख्या में कचौरियां और समोसे बेचे जाते हैं और धड़ल्ले से घरेलू सिलेंडर का उपयोग होता है।
मनासा बस स्टैंड से रानी लक्ष्मी बाई चौराहा, नीमच नाके से मंदसौर नाका शहर के कई क्षेत्रों ठेला गाड़ियों , मिठाई, नमकीन दुकानों और नाश्ता की दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग हो रहा है। कई दुकानों पर तो दो से तीन गैस सिलेंडर की खपत रोजाना होती है।
रेस्टोरेंट पर झांकने की हिम्मत तक नहीं
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी कुंभकर्णीय नींद में सोए हुए है। शहर में कई बड़े रेस्टोरेंट चल रहे हैं। इनके रसोई घर में घरेलू या व्यवसायिक किस गैस सिलेंडर का उपयोग हो रहा है, उसकी जांच करने की हिम्मत अधिकारी नहीं जुटा पा रहे हैं।
यह है रेट का गणित
महज 27 रुपए प्रतिकिलो प्रति गैस सिलेंडर बचाने के चक्कर में अवैध तरीके से घरेलू गैस सिलेंडर क उपयोग किया जा रहा है।
14.2 किलो का घरेलू गैस सिलेंडर 879 रुपए का आता है। जबकि 19 किलो वाला व्यवसायिक गैस सिलेंडर 1996.50 रुपए का पड ता है। यानी घरेलू गैस सिलेंडर लगाने पर करीब सत्ताईस रुपए प्रति किलो दुकानदार को बचता है। एक घरेलू सिलेंडर के हिसाब से यह बचत चार सौ रुपए के लगभग होती है।
इसी विषय पर एक सूचना का अधिकार भी लगाया हुआ है जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा आज दिन तक कोई भी जवाब नहीं दिया गया है नही कोई जानकारी भी नही दी गई है
सूत्रों से मिली जानकारी
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मनासा संबंधित कार्यालय में नहीं मिलते हैं व अन्य दुकानों पर बैठकर टाइम पास करते हैं व अपने पद का भी दुरुपयोग करते रहते हैं
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