प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती...प्रतिभा से परिपूर्ण लोग अपनी योग्यता और कड़ी मेहनत के दम पर अपना रास्ता खुद बनाते हैं। जब प्रतिभा को सही अवसर मिलता है, तो वह अपनी योग्यता दिखाती है, फिर चाहे व्यक्ति किसी भी पृष्ठभूमि या उम्र का हो।
जन जागृति संग़म न्यूज
9302003334
आकांक्षा जैसा कि नाम से हीं झलक रहा अर्थ इच्छा, अभिलाषा या महत्वाकांक्षा आइये मिलते है एक ऐसी लड़की जो कला और हुनर को खुद मे संजोये हुए हैं , जिसका नाम है आकांक्षा रेसवाल माली,गांव जन्नोद के एक सामान्य परिवार मे जन्मी, वर्तमान में कक्षा 8 वी में पढ़ती है। इनकी नानीजी कमलाबाई रेसवाल माली रामपुरा शिक्षा विभाग से सेवानिवृत है और नानाजी स्वः श्री बाबुलाल जी रेसवाल माली सेवानिवृत उत्पादन सहायक मत्य विभाग,रामपुरा, इनकी माता विमला रेसवाल, पिता सुभाष जी माली है। आकांक्षा का बड़ा भाई आयुष रेसवाल जो कि रामपुरा जवाहर नवोदय विद्यालय से पड़कर JEE प्रीपेरेशन के लिए कोटा में पड़ता है,छोटा भाई सोमेश रेसवाल कक्षा 5 पढ़ता है, आकांक्षा को बचपन से ही आर्ट एण्ड क्राफ्ट में रुची रही है। रंगोली बनाना ,घर की सजावट के आयटम, मंडाला,आर्ट डेस्क आर्गेनाइजर्स ,ड्राइंग पोट्रेट आदि कार्यो मे रुचि रही है। अभी आंकाक्षा ने प्रधानमंत्री मोदी जी, मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीजी विराट कोहली ,गणेश जी, दुर्गा माँ, यूनिकोन , आदि चित्रकारी कला कला का प्रदर्शन किया|इसी के साथ-साथ पढ़ाई में भी रुचि रही है। हमेशा क्लास मे फर्स्ट आना आकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। साथ ही मालवा का एक मीठा सोधा सा पर्व संझा को भी रोज अलग- अलग प्रकार के गोबर से बनाकर, फूलों से सजाकर आकांक्षा बनाती है। आकांक्षा बचपन से ही नृत्य कला में रुचि रखती है। नृत्य की प्रेरणा उन्हे उनकी माता से मिली है। आंकाक्षा के नृत्य मे फिल्मी गाने, देशभक्ति गीत धार्मिक गीत, शामिल हैं, आकांक्षा के हर नृत्य में क्लासिकल डांस की झलक नजर आती है। जब आकांक्षा कक्षा 3 री में पढ़ती थी तब उसने जहां डाल-डाल पर नृत्य की प्रस्तुति दि थी। जिसमे उनके परिवार गुरुजनों और गाँव के लोगो द्वारा पुरुस्कार प्राप्त हुए और सभी ने उनके नृत्य की सराहना की। इसके बाद आकांक्षा स्कूल और गांव के हर प्रोग्राम में कला का प्रदर्शन करने लगी। जब विकास यात्रा निकली तब नोडल अधिकारी द्वारा आकांक्षा को स्वागत नृत्य के लिए आदेशित किया गया। तब आकांक्षा ने "घर मंदिर से नही कोई कम ...सुस्वागतम" गीत पर प्रस्तुति दि। जिसमें कई जनप्रतिनिधियो द्वारा आकांक्षा की नृत्य कला को पसंद किया गाया। और पुस्कार दिया गया। उसके बाद आकांक्षा के गांव में विधायक साहब श्री अनिरुद्ध माधव जी मारू का आगमन हुआ तब भी आकांक्षा द्वारा स्वागत नृत्य किया गया। तब विधायक साहब ने खूब प्रशंसा की और पुरुस्कार दिया। और कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या आये तो मुझे बताना, और पढ़ाई से संबंधित भी कोई समस्या आए तो बताना हर संभव प्रयास कुरूंगा।
नृत्य एवं पढ़ाई के क्षेत्र मे खूब नाम रोशन करना और आगे बढ़ना | उसके बाद आकांक्षा ने अपने २६ जनवरी पर "आरंभ है प्रचंड ......." गाने पर नृत्य के साथ तलवार बाजी का भी प्रदर्शन किया तब सब देखते रह गए और खूब वाह - वाही बटोरी। आकांक्षा ने अभी तक वन्देमातरम... महाभारत गीत.... अयगिरी नंदनी.. .सुस्वगतम...अप्सरा आली...ऐ मेरे वतन के लोगो आदि धार्मिक एवं देशभक्ति गीत पर अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया...दिया| जब मनासा मे केबिनेट मंत्री जी श्री कैलाश विजयवर्गीय जी 13 सितंबर 2025 को आगमन हुआ तब भी आकांक्षा ने उनके स्वागत में, स्वागत नृत्य किया। तब श्री कैलाश विजयवर्गीय जी द्वारा 2500 रु का पुरुस्कार आकांक्षा को दिया गया और खूब प्रशंसा की| आकांक्षा ने भी कैलाश विजयवर्गीय जी के सम्मान मे आकांक्षा द्वारा बनाई गयी कैलाश विजयवर्गीय जी का स्केच भेंट किया। विजयवर्गीय जी द्वारा आकांक्षा के नृत्य और चित्रकारी की खूब सराहना की और खूब आशीर्वाद दिया| आकांक्षा बड़ी होकर इंजिनियर बनाना चाहती है और नृत्य और चित्रकारी के क्षेत्र में और आगे बढ़ना चाहती है|













टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें