*खुशी के कुछ पल अपने लिए भी निकालो* और *★ ~ उम्र की ऐसी की तैसी ~ ★
जन जागृति संगम
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खुशी के कुछ पल
अपने लिए भी निकालो
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बारिश पड़े, तो भागिए,
☞ छत मत खोजिये ☜
☔ ... छाते ... ☔
कभी-कभार बंद भी रखिये.
किस बात का डर है ?
भीग जायेंगे ना ..!!
तो क्या हुआ ....
पिघलेंगे नहीं.
फिर से सूख जायेंगे.
★ तेजाब नहीं बरस रहा है. ★
आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी
सूख जायेगी , ब्राँड भी उसका ...
Levis से Lebis नहीं हो जायेगा.
मोबाइल पॉलीथिन में रख लीजिये.
सड़क साफ़ है ... कोई नहीं आएगा.
उस स्ट्रीट लैम्प की पीली रौशनी में ...
डिस्को करती बूँदों को देखिये.
थोड़ा धीरे चलिए .... 🚶🚶
जल्दी पहुँच कर भी ...
क्या बदल जाना है ?
🌈
बारिश बदलाव है.
मौसम का, मन का
कल्पनाओं का
और ... लाइफ के गियर का.
दिमाग से दिल की तरफ.
सब धुल रहा है ...
प्रकृति सब कुछ धो रही है.
फिर आप क्यूँ ...
उसी मनहूसियत की
★ चीकट लपेटे घूम रहे हैं. ★
याद कीजिये ....
वो कागज़ की नाव,
कॉलेज/कोचिंग में
भीगे सिर आए वो लड़की, लड़के,
बारिश में जबरदस्ती नाचने को
खींच कर ले गये दोस्त.
सब चलते-चलते याद कीजिये.
🎯
ज़ुकाम से मत डरिये
☞ दवा से सही हो जायेगा. ☜
बारिश से डरेंगे तो फिर
आपका ज़ुकाम ~
महंगा वाला शावर भी ...
ठीक नहीं कर पायेगा.
और वैसे भी ...
🚿 मैंने शावर में लोगों को 🚿
सिर्फ़ रोते सुना है, मुस्कुराते नहीं.
क्योंकि ... उनका गाना भी ...
★ रोने से कम नहीं होता है. ★
💦 😭 😭 💦
बारिश आई है ...
थोड़ा चल लीजिये.
थोड़ा भीग लीजिये,
खुद से मिल लीजिये.
थोड़ा मुस्कुरा भी लीजिये.
❗ क्योंकि ❗
बारिश चन्द दिनों के लिये आई है,
जैसे सावन में बिटिया घर आई हो.
चली जायेगी वापस .....
फिर न रोइयेगा, कि ...
अब कब आयेगी ?
~ बारिश हो रही है ~
... उसके सहारे कुछ पल ...
अपने लिये भी जी लेने की
कोशिश कर लीजिये.
💦💦💧 💦💦
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[29/8, 11:47 PM] ramesh gujar ...🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
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/▌ ★ उम्र की ऐसी की तैसी ★
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घर चाहे कैसा भी हो,
उसके एक कोने में ...
खुलकर हंसने की जगह रखना.
★
सूरज कितना भी दूर हो.
उसको घर आने का रास्ता देना.
★
कभी-कभी छत पर चढ़कर ...
तारे जरूर गिनना.
हो सके तो हाथ बढ़ा कर ...
चाँद को छूने की कोशिश करना.
★
अगर चाहो लोगों से मिलना-जुलना ...
तो घर के पास.
👉 पड़ोस ज़रूर रखना.
★
भीगने देना बारिश में,
उछल-कूद भी करने देना.
हो सके तो बच्चों को ...
कागज़ की किश्ती चलाने देना.
★
कभी हो फुरसत,
आसमान भी साफ हो, तो ...
एक पतंग आसमान में चढ़ाना.
हो सके तो ~ एक छोटा सा ..
★ पेंच भी लड़ाना. ★
घर के सामने रखना --> एक पेड़ ~
उस पर बैठे पक्षियों की बातें
जरूर सुनना.
🌳
घर चाहे कैसा भी हो,
उसके एक कोने में ...
खुलकर हँसने की जगह रखना.
★
चाहे जहाँ से गुज़रिये ...
मीठी सी हलचल मचा दीजिये.
उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है,
अपनी उम्र का मज़ा लीजिये.
ज़िंदा दिल रहिए जनाब !
ये चेहरे पर उदासी कैसी ?
... वक्त तो बीत ही रहा है ...
★ ~ उम्र की ऐसी की तैसी ~ ★
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