*25 वर्षों से जारी गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ सामूहिक तर्पण कार्यक्रम : विधि विधान से आचार्य रतनलाल उपाध्याय एवं चंद्रशेखर शर्मा तर्पण क्रिया कराई*
*जन जागृति संगम न्यूज़ #जगदीश राठौर*
रतलाम जिले के जावरा में कश्मीरी गली स्थित गायत्री मंदिर पर प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी रविवार सुबह 09:15 बजे से 11:15 बजे तक 105 महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा सामूहिक तर्पण विधि विधान अनुसार किया गया।
सर्वप्रथम पत्रकार जगदीश राठौर ने सर्वत्र पित्र देव की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।आचार्य रतन लाल उपाध्याय चंद्रशेखर शर्मा एवं मुख्य ट्रस्टी संजय गुप्ता ने बताया कि सर्व पित्र अमावस्या तिथि पर तर्पण का शास्त्रों में उल्लेख है ।
श्राद्ध के 16 दिनों में सर्वाधिक महत्व सर्वपितृ अमावस्या का ही है । सर्वपितृ अमावस्या पर तीन पीढ़ी पिता, दादा, परदादा, माता ,दादी, परदादी, नाना, परनाना, काका, काकी, मौसा, मौसी, भाई, बहन, मामा, मामी, परमामी, पत्नी, पुत्र, पुत्री, मित्र, शिष्य, पड़ोसी, रिश्तेदार और अंत में आचार्य श्रीराम शर्मा तक का दर्पण कराया।तर्पण क्रिया के पश्चात सामूहिक यज्ञ भी हुआ । मार्कंडेय पुराण में ऋषि मार्कंडेय के अनुसार श्राद्ध मैं किए गए दर्पण से तृप्त होकर पित्र गण श्राद्धकर्ता को दीर्घायु ,सन्मति, धन, विद्या, सुख, राज्य, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करता है।
इसलिए यदि श्राद्ध में किसी भी दिन तर्पण विधि नहीं हुई हो तो सर्वपित्र अमावस्या पर किया गया श्राद्ध फलीभूत होता है ।
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