*मोदी सरकार का यह नया ₹1,435 करोड़ का पैन कार्ड आखिर क्यों?*
जन जागृति संगम न्यूज़
सरकार ने एक नए पैन 2.0 कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसके तहत 78 करोड़ भारतीयों को अपने मौजूदा पैन कार्ड को "क्यूआर कोड वाले नए कार्ड" में अपग्रेड करना होगा।
जबकि इस तरह का पैन कार्ड 2020 (4 साल पहले) में पहले ही छप चूका था। जैसा कि आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, इस पर पहले से ही एक क्यूआर कोड भी है।
तो फिर करदाताओं के ₹1,435 करोड़ से अधिक पैसे आखिर किस पर खर्च किए जा रहे हैं?
अगर 2020 के पैन कार्ड में पहले से ही क्यूआर कोड थे, तो इस सफेद हाथी परियोजना में "नया" क्या है?
सबसे महत्वपूर्ण बात - इस नए "पैन 2.0" प्रोजेक्ट के लिए किस कंपनी को आकर्षक ₹1,435 का ठेका दिया गया है?
मध्यम वर्ग पर हर चीज पर लगातार टैक्स लगाने के बाद अब इस हास्यास्पद नौटंकी पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। 78 करोड़ से अधिक पैन धारकों को नए कार्ड बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कहीं यह लोगो के 'डाटा खनन' की ओर बढ़ता इशारा तो नहीं?
वित्त मंत्रालय को इस परियोजना का वास्तविक विवरण स्पष्ट करना चाहिए और बताना चाहिए कि लोगों को फिर से इस आने वाली असुविधा क्यों हो?
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