*मातृ मृत्यु समीक्षा में लापरवाही परिलक्षित होने पर नर्सिंग आफिसर रेखा कुलमोदिया निलंबित* *चिकित्सक डॉ प्रमोद पाटीदार, डॉ सुरेन्द्र पटेल, डॉ. संजय जाट की एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव भी आयुक्त को भेजा गया।*
जन जागृति संगम
नीमच दिनांक 27.02.2025। जिले में कलेक्टर नीमच श्री हिमांशु चन्द्रा के निर्देशन में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है। इस प्रयासों में जिस भी स्तर पर लापरवाही परिलक्षित हो रही है वहां सख्त दण्डात्मक कार्यवाही भी निरंतर जारी है। उक्त जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश प्रसाद ने बताया कि दिनांक 02 दिसम्बर को कलेक्टर श्री हिमांशु चन्द्रा की अध्यक्षता में मातृ मृत्यु की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें जिले में हुई समस्त मातृ मृत्यु की समीक्षा की गई। ब्लाक मनासा की मृत्यु प्रकरण की समीक्षा के दौरान तथ्य संज्ञान में आया कि प्रा. स्वा. केन्द्र कंजार्डा पर 14 जुलाई को सायंकाल 6.30 पर गर्भवती महिला को प्रसव हेतु लाया गया किन्तु तत्समय पर अस्पताल बंद होने तथा नर्सिंग आफिसर को परिजन द्वारा अस्पताल बुलाने के पश्चात् प्रसूता के परिजनों से बाहर से दवाई बुलवाई जाना तथा प्रसव पश्चात् समुचित प्रबंधन नहीं किये जाने एवं रैफर हेतु 108 सुविधा का उपयोग नहीं जाने के फलस्वरूप प्रसूति के दौरान रेखा कुलमोदिया नर्सिंग आफिसर को अपने कर्तव्य के प्रति बरती गई लापरवाही एवं उदासीनता को देखते हुए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1996 के नियम 9 (1) के अर्न्तगत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनका मुख्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिंगोली नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता देय होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश प्रसाद ने आगे बताया कि उक्त प्रकरण में प्रा स्वा. केन्द्र कंजार्ड़ा में पदस्थ चिकित्सक डॉ प्रमोद पाटीदार डॉ सुरेन्द्र पटेल. डॉ. संजय जाट द्वारा भी प्रसव प्रकरण में किसी प्रकार की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने तथा मुख्यालय पर निवास नहीं करने पर उक्त तीनों चिकित्सको की एक एक वार्षिक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का प्रस्ताव भी आयुक्त महोदय उज्जैन को को भेजा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दिनेश प्रसाद ने जिले के समस्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को निर्देशित किया है कि सभी स्टाफ अपने मुख्यालय पर निवास करे तथा आपतकालीन स्थिति में सेवाए प्रदाय करे। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ ही आकस्मिक स्थिति में सेवाए बाधित होने पर आगे भी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
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