*मध्य प्रदेश बैंक मित्र संगठन ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया को पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा*
जन जागृति संगम न्यूज़
एमपी ब्यूरो चीफ
जगदीश राठौर 7974990641
उज्जैन/ मध्य प्रदेश बैंक मित्र संगठन ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक व मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को पांच सूत्रीय मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौपा है ।
ने बताया कि ग्रामीण और दुर् दुराज के क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने हेतु अथक कार्य कर रहे हैं जिनका समाधान किया जाए। इन पदाधिकारियों ने बताया कि बैंक मित्रों को उनके कार्यभार के अनुपात में अत्यंत कम पारिश्रमिक प्राप्त होता है बढ़ती महंगाई और आवश्यकताओं के अनुरूप पारिश्रमिक में वृद्धि नहीं की गई है बल्कि कम कर दिया गया है जबकि हमें अपना सेटअप स्वयं करना रहता है उसमें भी डिवाइस के खर्चे भी स्वयं वहन करने होते हैं और तो और कंपनियां अपना मुनाफा कमाने के चक्कर में डिवाइस को उन्हीं से खरीदने पर मजबूर करती है । लेन -देन के दौरान सुरक्षा के कोई मजबूत इंतजाम नहीं है धोखाधड़ी और हिंसा की घटनाएं आए दिन सामने आ रही है जिससे बैंक मित्रों का जीवन खतरे में रहता है । बैंक मित्रों की नियुक्ति बैंकिंग सेवा प्रदान करने के लिए की गई थी लेकिन वर्तमान में कंपनियों और बैंकों द्वारा दबाव बनाकर ऐसे कार्य भी कराए जाते हैं जो हमारे पोर्टल पर अपलोड होते ही नहीं है तथा बिना हितग्राहियों की सहमति के बीमा करने पर भी कंपनियों द्वारा हमें मजबूर किया जाता है बीमा नहीं करने पर हमारा कोड बंद कर दिया जाता है जिससे हमारे ऊपर बेरोजगार होने का खतरा मंडराता रहता है । बैंक मित्रों को बीमा पेंशन या अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त नहीं है जिसके कारण उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है । कई बैंक शाखाओं में बैंक मित्रों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है और उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता इस करण बैंकों और बैंक मित्रों के बीच कॉरपोरेट कंपनियां होती है जो की तकनीकी सहायता के लिए लाई गई थी लेकिन वर्तमान में शोषण के अलावा कुछ नहीं कर रही है । इसलिए निवेदन है कि कार्यभार के अनुरूप उचित एवं नियमित पारिश्रमिक प्रदान किया जाए तथा सेवा केंद्र में उपकरणों(एईपीएस डिवाइस, जीपीएस डिवाइस, पासबुक प्रिंटर)को बैंकों या कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया जाए । नगद लेन देन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ठोस उपाय जैसे पुलिस सहायता एवं बीमा कवर दिया जाए । हमारे बाद हमारे कोड को हमारे परिवार के ही किसी योग्य सदस्य को प्रदान किया जाए तथा सेवा केंद्र पोर्टल पर उपलब्ध सेवाएं ही करने दी जाए । बैंकों के लक्ष्य हमसे दबाव डालकर पूरे न कराए जाएं तथा बीमा आग्रह की विषय वस्तु है इसे जबरन हम पर ना थोपा जाए बैंक मित्र निश्चित ही बीमा करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन हितग्राही की सहमति के बिना बैंक मित्र कैसे कर सकते हैं इसका ध्यान रखा जाए । बीमा के नवीनीकरण का भी हमें कमिशन प्रदान किया जाए। बैंक मित्रों के लिए बीमा पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षाओं का प्रावधान हो। बैंक शाखा में सम्मानजनक व्यवहार और समस्याओं के समाधान हेतु प्रभावित तंत्र की स्थापना हो तथा बिचौलिया कंपनियों को हटाकर हमें सीधे बैंक से जोड़ा जाए । यदि इन मांगों का निराकरण निर्धारण आवश्यक अवधि में नहीं किया गया तो मजबूर होकर हमें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा ।
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