अंतर्विभागीय समन्वय एवं जागरूकता से फ़ाईलेरिया को जड़ से ख़त्म करें- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री ने स्टेट टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की
जन जागृति संगम न्यूज़
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भोपाल: 29 जनवरी 2024
उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने आज मंत्रालय वल्लभ भवन में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति और कार्ययोजना की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक में निर्देश दिए कि सभी विभाग अंतर्विभागीय समन्वय और जागरूकता से फायलेरिया को जड़ से ख़त्म करने हेतु अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न विभाग मैदानी अमलों से 10 फ़रवरी से प्रारंभ हो रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में आम जन की सहभागिता सुनिश्चित करें। बैठक में स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, जनसंपर्क, वन, नगरीय निकाय और आवास, महिला और बाल विकास, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, आयुष, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे।
नागरिक वितरित दवाओं का अवश्य करें सेवन
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक में वर्तमान में प्रदेश में लिम्फेटिक फायलेरियासिस बीमारी की स्थिति, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए) चक्र-2024 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक्शन प्लान और फायलेरिया उन्मूलन गतिविधियों के संचालन हेतु अन्य विभागों से अपेक्षायें एवं सहयोग के विषयों की वृहद् समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर से प्रयास करें। उप मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों से अपील की है कि एमडीए अभियान में वितरित दवाओं का अवश्य सेवन करें। फायलेरिया के उन्मूलन में सहयोग करें।
42 में से 7 ब्लॉक में एमडीए का हो चुका है सफल क्रियान्वयन
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के 12 जिले छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया रीवा, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, सतना, छिन्दवाड़ा और दमोह फायलेरिया से प्रभावित हैं। फायलेरिया उन्मूलन मिशन में अब तक 42 ब्लॉक में से 7 ब्लॉक में एमडीए का सफल क्रियान्वयन किया जा चुका है। वर्ष 2024 में शेष 35 ब्लॉक में एमडीए का क्रियान्वयन किया जाना है।
एमडीए 2024 के प्रभावी क्रियान्वयन की योजना
एमडीए के सघन और सफल क्रियान्वयन करने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 दिन का माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। इसके तहत 3 दिन बूथ स्तर पर, 6 दिन घर-घर अभियान और 3 दिन में शेष रह गई जनता के लिए फॉलोअप गतिविधि की जायेंगी। शत-प्रतिशत दवा सेवन के लिए उच्च/वर्तमान संचरण क्षेत्रों में आमजन को जागरूक और प्रेरित किया जाएगा। विभिन्न विभागों से ज़मीनी सहयोग प्राप्त करने के लिए विभागवार अपेक्षाओं को कार्ययोजना में शामिल किया गया है। बैठक में आयुक्त स्वास्थ्य डॉ सुदाम खाड़े, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री धनंजय सिंह, मिशन संचालक एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास, उप सचिव जनसंपर्क डॉ कैलाश बुंदेला सहित विभिन्न विभागों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
फायलेरिया लक्षण और बचाव
फायलेरिया संक्रमित मच्छर (क्यूलेक्स) के द्वारा फैलने वाली बीमारी है। यह बीमारी एक धागे के समान कृमि वुचरेरिया बेनक्रफ्टाई से होती है। प्रदेश में फायलेरिया बीमारी संक्रमण हेतु क्यूलेक्स क्वींक्वीफेसियेटस प्रमुख वाहक मच्छर है। यह मच्छर सामान्यतः गंदे एवं रूके हुए पानी में प्रजनन करता है। फायलेरिया बीमारी के प्रमुख लक्षण प्रारंभिक अवस्था में लगातार बुखार, प्रभावित अंगों (पैरों/हाथ/अण्डकोष/स्तन) में दर्द एवं सूजन है, जो कि धीरे-धीरे हाथी पांव के समान हो जाती है। संक्रमण के 8 से 10 वर्षों के बाद भी उपरोक्त लक्षण प्रकट हो सकते है।
राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन हेतु मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए), मोर्बिडिटी मैनेजमेंट ऐंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) गतिविधियाँ की जा रही हैं। एमडीए में प्रत्येक वर्ष में 01 बार 02 साल से अधिक उम्र (02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर) के जनसमुदाय को निर्धारित मात्रा में डी.ई.सी (डाय इथाईल कार्बामैज़ीन) एवं एल्बेण्डाजोल दवा का सेवन कराया जाता है। नवीन नीति अनुसार चिन्हित जिलों में इन दो दवाओं के साथ आईवरमेक्टिन दवा का भी उपयोग किया जा रहा है जिसे आईडीए का नाम दिया गया हैं।
एमएमडीपी में लिम्फेडिमा से ग्रसित रोगियों को उनके स्वास्थ्य लाभ एवं बेहतर जीवन स्तर के लिए आवश्यक प्रशिक्षण एवं मेडिकल किट प्रदान किया जाता है। इसी तरह हाईड्रोसिल से ग्रसित रोगियों को चिहिन्त करते हुये उनके निःशुल्क शल्य क्रिया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।
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