*निगरानी समिति के सदस्यों ने श्वानो की नसबंदी के भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में की जांच की मांग* *कलेक्टर को साक्ष्यों सहित आवेदन देकर कंपनी पर वैधानिक कारवाही एवं ब्लैक लिस्ट करने की मांग की*

जन जागृति संगम न्यूज 
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नीमच।  नीमच शहर में प्रतिदिन डॉग बाईट की संख्या में इजाफा हो रहा है और श्वानो की संख्या बढ़ती जा रही है जबकि पूर्व में नीमच नगरपालिका 5219 श्वानो की नसबंदी का कार्य करवा चुकी है जबकि यह सर्वविदित है की पूर्व में की  नसबंदी में संख्या के मान से बड़ा भ्रश्टाचार हुआ है  और इसकी प्रमाणिकता यह है की नीमच  शहर में जितने श्वान नहीं है उससे ज्यादा की नसबंदी बताई गई है।  बड़ी विचित्र स्थिति है की जिस कंपनी  ने पूर्व में भ्रस्टाचार किया था उसी कंपनी को वर्तमान में भी पुनः नसबंदी करने का कार्य दिया  गया है जबकि पूर्व में उसी कम्पनी ने प्रति श्वान 696  रूपये लिया  था  जबकि इस बार उसी कम्पनी को 1297 रूपये में ठेका दिया  गया है। फिर भी श्वानो की नसबंदी की संख्या में हेरफेर किया जा रहा है और ओरिजिनल की जगह अधिक संख्या बताई जा रही है जिससे जनता के टैक्स के पेसो का दुरूपयोग किया जा रहा है। 
निगरानी समिति के इंजी नवीन कुमार  अग्रवाल , एडवोकेट प्रवीण मित्तल एवं पार्थ जोशी ने संयुक्त   बयान में बताया  की हमने  आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर इस फर्जीवाड़े के सम्बन्ध में तथ्यात्मक तथ्य मिनिट टू  मिनट की जानकारी देकर तीन सीडी साक्ष्य  के रूप में दी है जिसमे टेंडर के मानक  अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है जिसकी विस्तृत जानकरी आवेदन के माध्यम से दी है एवं इसकी जाँच कर सम्बंधित कप्म्पनी के खिलाफ वैधानिककार्यवाही  करने की मांग की है ताकि पूर्व की भांति जो फर्जीवाड़ा वर्तमान में हो रहा है  स्तरीय जाँच होकर वैधानिक कार्यवाही हो सके  और  साथ ही जनता के टैक्स के पेसो का दुरुपयोग न हो। 
       आवेदन में उल्लेख किया गया है की नगर पालिका द्वारा द  केयर ऑफ एनिमल्स एन्ड सोसायटी को श्वानो की नसबंदी का कार्य दिया गया है और इसी  कंपनी ने पूर्व में भी ठेका लिया  था जिसमें अनेक अनियमितता कर भ्रष्टाचार किया गया  था जिसकी जांच की मांग समय समय पर उठी लेकिन आज दिनांक  तक उसकी जाँच नहीं हो पाई है फिर भी उसी कंपनी को ठेका दिया गया है । नसबंदी की  निगरानी रखने हेतु  परिसर में 16 कैमरे लगाए गए हैं लेकिन उनमे  से कई कैमरे समय समय पर  बंद हो जाते है या बंद कर दिए जाते है यह जांच का विषय  है  जो डॉक्टर इसमें लगाए गए है निगरानि समिति  के ग्रुप पर उसके दस्तावेजों को अपलोड नहीं किया  गया है. दिनांक 11 फरवरी से ऑपरेशन रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों से ऑपरेशन टेबल  की दिशा  चेंज कर दी गई है जिसके कारण ऑपरेशन की निगरानी सही ढंग से नहीं की जा सके।  प्रस्तुत सीडी देखने पर स्वतः ही संज्ञान में आ सकता है की एक ही श्वान को अलग अलग समय पर लाकर  ऑपरेशन टेबल पर लिटाकर मात्र संख्या बड़ाई जा रही है। सीडी में देखने पर स्वतः प्रमाणित होता है की किये गए ऑपरेशन अनुसार निर्धारित मात्रा ऑर्गन की संख्या ट्रे में नहीं है।  
        हमारे सामान्य ज्ञान से किसी श्वान के एक ही अंडकोष के विकसित होने को वेटेरनरी साइंस में क्रिप्टोरचीदसम कहा जाता है जो  कई हजारो श्वानो ममें  से किसी एक में पाया जाता है परन्तु हमारे  द्वारा कुछ दिनांकों का सीसीटीवी विडिओ का निरिक्षण करने पर पाया गया की एक ही दिन में कुल 2 से 3 नर श्वानो का एक ही अंडकोष निकाले हुए बताये गए है। संभवतः कुछ  समय बाद ही उसी श्वान का एक और अंडकोष निकाला  जा रहा है कुछ श्वानो के नसबंदी के बाद कान  को वि आकर में काटा भी नहीं  जा रहा है।  साथ ही शिकायते भी प्राप्त हुई है की  श्वानो को 10 से 15 दिन बाद छोड़ा जा रहा है जिसकी  मंशा  उच्चस्तरीय जाँच  के बाद ही स्पष्ट हो सकती है।  मानक अनुसार श्वानो को भोजन नहीं दिया  जा रहा है जिसकी शिकायत निगरानी समिति की महिला सदस्यों ने  नपा अध्यक्ष की मिटिन के दौरान की थी  लेकिन  कारवाही नहीं हुई। साथ ही सेंटर का निरीक्षण करने गए निगरानी समिति के सदस्यों को सेंटर का निरिक्षण भी नहीं करवाया गया  व अनियमितता के सम्बन्ध में चर्चा करने  पर संतोषप्रद जवाब भी नहीं दिया गया।  
      पूर्व में भी  इसी कम्पनी   द्वारा श्वानो की नसबंदी की गई थी  लेकिन उसके रिजल्ट धरातल पर नीमच शहर  में नहीं दिखाई  देते है क्योँकि 5219  श्वानो की नसबंदी के बाद भी नीमच शहर में यदाकदा ही कोई श्वान काकान  वि आकार में कटा हुआ मिलता है।जो  पूर्व में की गई नसबंदी के  भ्रष्टाचार की सत्यता को उजागर करती है.
          अतः आवेदन के माध्यम से कलेक्टर से मांग की गई है की चूँकि हम हस्तारकर्ता में से कोई भी पशु चिक्तिसक नहीं है वह श्वानो की बढ़ती आबादी मानव स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दाःहै , जिसका प्रभाव आमजन पर पड़ने  के साथ स्वयं सड़को पर  विचरण करने  वाले श्वानो पर भी पद रहा है.  इस हेतु यह आवश्यक है की वर्तमान में जो नसबंदी कार्य किया  जा रहा हैउसकी  उच्च स्तरीय जाँच हेतु वरिश्ठ पशु चिकितसकों की कमिटी का गठन कर विडिओ का विश्लेषण  कराया जाकर तत्काल नसबंदी में संलग्न एजेंची के विरुद्ध धोखाधड़ी, 420 व् पशु क्रूरता अधिनियम व भारतीय न्याय संहिता की  धारा 325 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही  की जाकर पशु कल्याण बोर्ड को भी सूचित किया जाकर सम्बंधित एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया  जावे। 


इंजी नवीन कुमार अग्रवाल 
एडवोकेट प्रवीण मित्तल 
पार्थ जोशी 
9826270178

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