*“गोचर भूमि की लाठी पूरे राजस्थान पर पड़ी है, नागौर के लाडपुरा से लेकर बांसवाड़ा तक!”*
जन जागृति संगम डेस्क न्यूज 9302003334 *राजस्थान की गोचर भूमि पर जो कब्ज़े हुए हैं, वह किसी एक पंचायत–समिति का नहीं बल्कि पूरे राज्य का सामूहिक प्रशासनिक पतन है।* *नागौर ज़िले में लाडपुरा की 500 बीघा ज़मीन इसका ताज़ा उदाहरण है, लेकिन हर जिला अपनी-अपनी ‘लाडपुरा कथा’ वर्षों से झेल रहा है।* *नागौर ज़िले में तो गोचर भूमि पर कब्ज़े इतने हैं कि लगता है मानो यह जिला राज्य का “पायलट प्रोजेक्ट” रहा हो—जहाँ राजस्व विभाग देखता रहा, और प्रभावशाली लोग ज़मीनें हड़पते गए।* *लाडपुरा की गोचर भूमि पर अतिक्रमण सिर्फ़ ज़मीन का मामला नहीं है। यह राजस्थान के प्रशासन की रीढ़ टूट जाने का सार्वजनिक प्रमाण पत्र है। भूमि पर अतिक्रमण हटाने के आदेश अक्टूबर 2025 में जारी हुए थे, 15 अक्टूबर की आख़िरी तारीख तय की गई थी, पालना रिपोर्ट तहसील में जमा होनी थी—पर हुआ क्या?कुछ भी नहीं।जैसे आदेश नहीं, मजाक जारी किया गया हो।* *यह कितना शर्मनाक है कि नायब तहसीलदार के लिखित निर्देश भी ज़मीन पर एक इंच हिला नहीं सकते।ये कैसा प्रशासन है जहाँ आदेश फ़ाइलों में गरजते हैं और ज़मीन पर चुपचाप दम तोड़ देते हैं?* ...